मिसेज इंडिया हिमाचल प्रदेश के लिए ऑडिशन 16 से , प्रतियोगिता के तीसरे वर्ष सुपर क्लासिक कैटागिरी शामिल
धर्मशाला : प्रदेश की विवाहित महिलाओं को फिर से अपनी प्रतिभा को दिखाने का मंच मिसेज इंडिया हिमाचल प्रदेश के माध्यम से मिलने जा रहा है। यह प्रतियोगिता महिलाओं को माडल नहीं, बल्कि रोल माडल बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। प्रतियोगिता के लिए प्रदेश में 16 फरवरी से ऑडिशन शुरू हो रहे हैं। वर्ष 2017 से शुरू हुई इस प्रतियोगिता के इस वर्ष तीसरे संस्करण में सुपर क्लासिक कैटागिरी को जोड़ा गया है।
यह जानकारी हिमाचल फिल्म सिटी के डायरेक्टर पदम वर्मा ने बुधवार को धर्मशाला में प्रेसवार्ता के दौरान दी। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता का मुख्य वर्ग 20 से 39 वर्ष रखा गया, जबकि दूसरे वर्ग क्लासिक में 40 से 59 आयु वर्ग की महिलाएं भाग ले सकती है। वहीं इस वर्ष प्रतियोगिता में सुपर क्लासिक वर्ग को जोड़ा गया है जिसमें 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की महिलाएं भाग ले सकती हैं। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता की प्रतिभागी महिलाएं प्रदेश से राष्ट्रीय स्तर और राष्ट्रीय से अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए पात्र होती हैं।
उन्होंने बताया कि मिसेज इंडिया हिमाचल प्रदेश 2019 के लिए 16 फरवरी को कुल्लू, 17 को मंडी, 23 को बिलासपुर, कांगड़ा में 24 फरवरी, चंबा में 3 मार्च, ऊना में 9 मार्च, हमीरपुर में 10 मार्च, सोलन में 17 मार्च, नाहन में 24 मार्च और शिमला में 30 मार्च को ऑडिशन होंगे। उन्होंने बताया कि मिसेज इंडिया हिमाचल प्रदेश एक ऐसा मंच है, जिसके माध्यम से विवाहित महिलाएं न केवल प्रदेश स्तर, बल्कि राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकती हैं और प्रतियोगिता में प्रवेश बिल्कुल निशुल्क है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में 20, जबकि वर्ष 2018 में 42 महिलाओं ने फाइनल में जगह बनाई थी। इस अवसर पर मिसेज इंडिया हिमाचल प्रदेश 2019 की मुख्य चयनकर्ता भानु प्रिया, मिसेज इंडिया हिमाचल प्रदेश 2017 की फाइनलिस्ट लतेश भार्गव सहित पूर्व में मिसेज इंडिया हिमाचल प्रदेश में भाग ले चुकी धर्मशाला से बबीता ओबराय और पालमपुर से नंदिता शामिल रही।
खुद प्रतियोगिता का हिस्सा बनी, अब बहू को कर रही प्रेरित
धर्मशाला की बबीता ओबराय पहले मिसेज इंडिया हिमाचल प्रदेश प्रतियोगिता में भाग लेकर मिसेज इंटेलेक्चुअल का खिताब जीत चुकी हैं। बबीता ने बताया कि वह मोटी होने के चलते इस प्रतियोगिता में भाग लेने से कतरा रही थी। साहित्य क्षेत्र से जुड़ी बबीता ने बताया कि इस प्रतियोगिता में भाग लेने के बाद अब वह खुद को गौरवान्वित महसूस करती हैं, क्योंकि इस प्रतियोगिता में भाग लेने उपरांत उनमें आत्मविश्वास बढ़ा है और प्रतिभा निखरी है। बकौल बबीता अब वह अपनी बहू को भी इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रेरित कर रही हैं, जिससे उसकी प्रतिभा को भी मंच मिल सके।