हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में शहरी गरीब परिवार को मिले आवासों में गड़बड़ी की बू आने के नगर निगम शिमला चौकन्ना हो गया है. 67 आवासों में से मात्र दो आवासों में ही पात्र परिवार की जगह किसी और परिवार के रहने का मामला सामने आया है.
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में शहरी गरीब परिवार को मिले आवासों में गड़बड़ी की बू आने के नगर निगम शिमला चौकन्ना हो गया है. निगम को मिली गुप्त शिकायत के बाद मेयर कुसुम सदरेट ने प्रोजेक्ट अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर जांच करने का जिम्मा दिया था, लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद 67 आवासों में से मात्र दो आवासों में ही पात्र परिवार की जगह किसी और परिवार के रहने का मामला सामने आया है. इन 67 आवासों की पात्रता की जांच इसलिए पूरी नहीं हो पाई क्योंकि निरीक्षण पर गए अधिकारियों को ज्यादातर आवास बंद मिले. यही वजह है कि अब नगर निगम मार्च माह में आशियाना दो की जांच पूरी करेगा.
नगर निगम मेयर कुसुम सदरेट ने बताया कि अभी आशियाना दो में मिली गुप्त शिकायत के आधार पर अधिकारियों ने दो आवासों में अपात्र परिवार के रहने की पुष्टि हो पाई है. लेकिन, जब निगम के अधिकारी जांच करने आशियाना आवासों में पहुंचे तो वहां रह रहे परिवारों ने पात्र परिवारों के रिश्तेदार होने का दावा किया है.
उन्होंने कहा कि ज्यादातर आवास बंद होने के कारण यह जांच अभी पूरी नहीं हुई है और अब यह जांच मार्च माह में स्कूल खुलने के बाद पूरी की जाएगी. उन्होंने बताया कि इन दिनों स्कूलों में छुट्टियां होने के कारण अधिकतर लोग गांव की ओर चले जाते हैं और ज्यादातर मकान बंद मिल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि यदि आशियाना दो के तहत शहरी गरीब परिवार के द्वारा सबलेट की हुई गुप्त शिकायत सही पाई जाती है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि पात्र परिवार की लीज भी रद्द की जाएगी.