शिमला के ढली-कुफरी मार्ग पर फिसलन का खतरा बढ़ने के चलते शाम 3 बजे और सुबह 9 बजे से पहले वाहनों को जाने नहीं दिया जा रहा है. ठंड के कारण पानी सड़क जमने से गाड़ियां फिसल रही हैं.
हिमाचल प्रदेश में बारिश और बर्फबारी की वजह से लोगों की दुश्वारियों कम नहीं हो रही हैं. प्रदेश का ऊपरी क्षेत्र अब बर्फ की चादर में कैद हैं. हिमाचल की लाइफलाइन पर रफ्तार पर ब्रेक लगी हुई है. आलम यह है कि प्रदेश की 300 से ज्यादा सड़कें अब भी बंद हैं. एक सप्ताह से ऊपरी क्षेत्रों में बस सेवाएं बाधित हैं. HRTC की सैकड़ों बसों के पहिए थमे हुए हैं. लगातार HRTC को नुकसान हो रहा है. रोजाना 30 से 40 लाख रुपये की चपत लग रही है.
विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, 22 जनवरी से अब तक परिवहन विभाग को डेढ़ करोड़ का घाटा हो चुका है. बर्फबारी वाले क्षेत्रों में करीब 500 से ज्यादा रूट्स प्रभावित हैं. प्रत्येक रूट्स विभाग को 5 हजार रुपये नुकसान हो रहा है.
लोक निर्माण विभाग के छूटे पसीने
बर्फबारी के चलते अवरूद्ध मार्ग बहाल करने में लोक निर्माण विभाग के ठंड में भी पसीने छूटने लगे हैं. अब भी 300 से ज्यादा मार्ग बाधित हैं. शिमला और मंडी क्षेत्र में सबसे ज्यादा मार्ग बाधित हैं, संपर्क मार्ग बहाल न होने की वजह से मुख्य शहरों से गांवों का संपर्क कटा है. बुधवार शाम तक कुछ मार्ग बहाल होने की संभावना है.
मार्ग बहाल न होने की वजह से मुख्य शहरों से गांवों का संपर्क कटा है. बुधवार शाम तक कुछ मार्ग बहाल होने की संभावना है.मार्ग बहाल न होने की वजह से मुख्य शहरों से गांवों का संपर्क कटा है. बुधवार शाम तक कुछ मार्ग बहाल होने की संभावना है.
अपर शिमला के लिए आफत
शिमला के ढली-कुफरी मार्ग पर फिसलन का खतरा बढ़ने के चलते शाम 3 बजे और सुबह 9 बजे से पहले वाहनों को जाने नहीं दिया जा रहा है. ठंड के कारण पानी सड़क जमने से गाड़ियां फिसल रही हैं. बसों सहित पर्यटक वाहन 9 बजे के बाद ही कुफरी का रुख कर सकते हैं. वहीं, शाम चार बजे के बाद नारकंडा मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है.