हिमाचल कांग्रेस में दो धड़ों में गुटबाजी पार्टी पर इस कद्र भारी पड़ रही है कि अब इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है. पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह और सुखविंद्र सिंह सुक्खू के बीच जारी बयानबाजी का असर देखने को मिला है. वीरभद्र सिंह के कार्यकर्ताओं को ‘कबाड़’ कहने पर अब कांग्रेस पदाधिकारियों ने नाराजगी जताते हुए इस्तीफे दिए हैं. चार जिलों में कई पदाधिकारियों ने अपने इस्तीफे पार्टी को सौंपे हैं.
कांग्रेस पार्टी के अधिकतर पदाधिकारी और कार्यकर्ता पूर्व सीएम के बयान से आहत नजर आ रहे हैं. मंडी जिला कांग्रेस कमेटी के पांच पदाधिकारियों ने वीरभद्र सिंह के बयान से आहत होकर बुधवार को अपने पदों से त्यागपत्र दे दिया. त्यागपत्र देने वालों में मंडी जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष लक्ष्मी ठाकुर, महासचिव राजकुमार, परम देव, राहुल ठाकुर और सचिव सुनील शर्मा शामिल हैं. मंडी जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक शर्मा ने इनके इस्तीफे मिलने की पुष्टि की है.
ये बोले पदाधिकारी
इस्तीफे देने के बाद इन्होंने संयुक्त बयान भी जारी किया है, जिसमें इन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा कार्यकर्ताओं को कबाड़ कहने, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह ठाकुर के पद छोड़ने पर मिठाई बांटने और पार्टी हाईकमांड को मूर्ख कहने जैसी टिप्पणीयों से यह निराश और हताश हैं. इन्होंने कहा कि कुछ लोग संगठन की मर्यादा को तुच्छ मानते हैं और वो अहम में ऐसी बयानबाज़ी कर रहे हैं.
वहीं वीरभद्र समर्थकों द्वारा पदाधिकारियों को कद के हिसाब से बयानबाजी करने की नसीहत देने के बयान भी इनका गुस्सा फूटा है. इनका कहना है कि वीरभद्र समर्थक संगठन के पदाधिकारियों को कद की परिभाषा समझाते हुए अपमानित कर रहे हैं, जबकि उनको इस बात का पता होना चाहिए कि विधानसभा चुनावों में उनको जनता ने उनके स्वयंभू कद का अहसास दिला दिया था.
कुछ भी टिप्पणी करने से पहले उनको इस बात को समझना पड़ेगा कि संगठन में बूथ अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद का कद सभी से बड़ा होता है. इन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने हमेशा संगठन कि सेवा करने वालों के बजाय अपनी स्तुति करने वालों को प्रथमिकता दी है. पूर्व मुख्यमंत्री ने हमेशा से कार्यकर्तायों को तुच्छ श्रेणी में गिना है. पुर्व मुख्यमंत्री की पहले भी इस तरह की बयानबाजी से मंडी जिला की 10 सीटों का खामियाजा कांग्रेस पार्टी को भुगतना पड़ा था।
ऊना में उठापटक
इस्तीफा देने वालों में जिला कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मदन मोहन सैणी, उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह, जिला कांग्रेस प्रवक्ता वरुण पुरी, जिला महासचिव गोल्डी कपिला, युकां के प्रदेश सचिव अंकुश शर्मा, जिला सचिव सुदेश शर्मा, बलजीत सिंह, ओबीसी सेल के जिलाध्यक्ष राकेश सैणी, पंचायती राज संगठन के जिलाध्यक्ष मुकेश जसवाल, ब्लॉक युकां ऊना के उपाध्यक्ष विवेक ठाकुर, मैहतपुर कांग्रेस के युवा नेता सौरव रत्न भारद्वाज व राजिंद्र प्रिंस शामिल हैं.
सोलन में भी नाराजगी, कांग्रेस संगठन पर असर पड़ना शुरू
‘कबाड़’ की संज्ञा मिलने पर सोलन शहरी कांग्रेस के पदाधिकारियों ने अपने इस्तीफे सौंपे हैं. आज आधा दर्जन कांग्रेस पदाधिकारियों ने शहरी कांग्रेस प्रधान जतिन साहनी को इस्तीफे सौंप दिए है. जिसकी वजह से शहर सियासी पारा उफान मान रहा है. सोलन में पांच पदाधिकारियों ने अपने पद से इस्तीफा दिया है. ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस प्रदेश में दो धड़ों में बंट गई है. सुक्खू ने जिला में विभिन्न पदाधिकारी खड़े कर अपनी फ़ौज बनाई थी. यही कारण है कि अब उनके पक्ष में इस्तीफों का दौर शुरू हुआ है.
इसके अलावा, बिलासपुर जिले में भी कांग्रेस पांच जिला स्तर के पदाधिकारियों ने अपना इस्तीफा दिया है.