राज्यपाल अभिभाषण चर्चा में पुलिंदा सदन में रखा भाजपा विधायक ने हर्षवर्धन बोले, 60 साल का हिसाब मांगने वाले एक साल के काम तो बताएं
विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन वीरवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चल रही चर्चा में भी सत्ता पक्ष व विपक्ष के सदस्य एक-दूसरे की बात पर आपस में उलझते रहे। भाजपा विधायक रमेश धवाला ने सरकार के कार्यों का समर्थन करते हुए पूर्व सरकार के समय ज्वालामुखी मंदिर में बड़े घोटाले की बात कही। उन्होंने सदन में भ्रष्टाचार का पुलिंदा भी प्रस्तुत किया और कहा कि सारे मामले की जांच की जाए। साथ ही शेर भी पढ़ा कि माना मुश्किलें बेशुमार हैं, हम भी लडऩे को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ज्वालामुखी मंदिर ट्रस्ट का ऑडिट करवाया जाए। इससे पहले धवाला ट्रस्ट के पैसे में हेराफेरी का आरोप लगाते हुए वर्तमान उच्च शिक्षा निदेशक के खिलाफ आरोप लगा चुके हैं।
विस उपाध्यक्ष हंसराज ने अपनी बात रखी। उन्होंने जयराम सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उनके क्षेत्र चुराह में स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी की गई। आईटीआई मिली, शिमला को सीधी बस शुरू हुई और आईपीएच डिवीजन का भी आश्वासन मिला है। उन्होंने चंबा में उद्योगों के जरिए विकास व रोजगार की बात उठाई। यह भी कहा कि उनका इलाका जम्मू-कश्मीर के साथ लगता है, जहां सड़क सुविधाएं सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान सवाल पूछते हैं तो सत्तापक्ष वाले 60 साल का हिसाब मांगते हैं। हम जनता के प्रतिनिधि हैं, हमें पूछने का अधिकार है, मंत्री घुमाकर लंबा-चौड़ा जवाब देते हैं। सरकार को सवा साल होने लगा है पिछले बजट में 30 योजनाएं कही थी, धरातल पर कितनी उतरी। विधायक ने सरकार के विभिन्न योजनाओं व घोषणाओं को लेकर सत्तापक्ष पर सवाल खड़े किए। इस दौरान सत्तापक्ष के सदस्य भी बीच-बीच में बोलते रहे। बाद में कहा कि वह राज्यपाल के अभिभाषण का समर्थन नहीं करते।
बाद में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने प्रदेश सरकार की योजनाओं का बखान किया। पांवटा के विधायक सुखराम चौधरी समर्थन में बोले। अभिभाषण के समर्थन में कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडेय ने अपनी बात रखी, जबकि इसके विरोध में रामपुर के विधायक नंदलाल ने कई बातें कही। इसी तरह विधायक नरेंद्र ठाकुर ने सरकार की वाहवाही करते हुए राज्यपाल के अभिभाषण का समर्थन किया।
अफसरशाही से सतर्क रहें मुख्यमंत्री : सुंदर ठाकुर
कुल्लू के विधायक सुंदर ठाकुर ने सरकार को आड़े हाथों लिया। सुंदर ने कहा कि बेशक मुख्यमंत्री सरल हैं, लेकिन अफसरशाही सरलता से न लें। सरकार चलाना एक टीम वर्क है, सभी को साथ लेकर चलें। उन्होंने सवाल किए कि पर्यटन उत्थान का क्या हुआ, रज्जूमार्ग बनने थे और सुरंगें बननी थीं, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं।
इसके अलावा विधायक सतपाल रायजादा ने भी राज्यपाल के अभिभाषण के समर्थन में असमर्थता जताई कि ऊना में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है। स्कूलों में शिक्षक नहीं, अस्पतालों में चिकित्सक नहीं, अवैध खनन जोरों पर है। सांसद ने जो गांव गोद लिए थे, उन्हें लकवा हो गया है।