सूबे में करीब 100 करोड़ रुपये से पानी के पाइप (जीआई) खरीद मामले की जांच होगी। इन पाइपों की खरीद में अनियमितताएं बरतने की बात सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने उजागर की है। ठाकुर ने कहा कि फील्ड निरीक्षण में पाइपों में कई खामियां पाई गई हैं।
पाइपों को जोड़ने और बेंड देने पर टुकड़े हो रहे हैं। आईपीएच सचिव और प्रमुख अभियंता को इसकी जांच के आदेश दिए हैं। जोनों के मुख्य अभियंताओं को भी मौके का निरीक्षण करने और तीन दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है।
पाइप की खरीद एजेंसी फर्म का भुगतान नहीं किया जाएगा
ठाकुर ने प्रश्नकाल के बाद विधानसभा में वक्तव्य दिया कि 17 और 18 जनवरी को उन्होंने प्रदेश का दौरा किया था, उस दौरान यह खामियां नजर आई हैं। जब तक मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक पाइप खरीद एजेंसी फर्म की राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा।
उन्होंने सदन में फर्मों के लिए तय किए मापदंडों की जानकारी से भी सदन को अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सिविल सप्लाई कारपोरेशन के माध्यम से पाइपों की यह खरीद होती है।
कारपोरेशन से प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार निरीक्षण के लिए निर्धारित सभी नियमों का पालन किया गया है। फिर भी किसी भी स्तर पर कोताही बरते जाने पर कार्रवाई होगी।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने पूछा कि क्या सरकार दोषी पाए जाने पर फर्म को ब्लैक लिस्ट करेगी? जवाब में आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि दोषी पाए जाने पर फर्म को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा।
इतना ही नहीं, जरूरत पड़ी तो बाहरी एजेंसी से भी मामले की जांच करवाई जाएगी, लेकिन सरकार किसी गांव के लिए घटिया पाइपों को नहीं बिछने देगी। जरूरत पड़ने पर इन पाइपों को रिप्लेस कर नए पाइप खरीदे जाएंगे।