पिछले दो सालों से शादी समारोह के शुभ मुहूर्तों पर छाए रहे संकट के बादल इस साल छटने वाले हैं क्योंकि साल के कुल 12 महीनों में से नौ महीन ऐसे हैं जिसमें शादी के लिए शुभ मुहूर्त निकल रहे हैं। पूरे साल में अगस्त, सितंबर और अक्तूबर माह ही ऐसे हैं जिसमें विवाह के लिए कोई भी मुहूर्त नहीं है।
वैसे भी 15 जुलाई से लेकर 15 सिंतबर तक हर साल शादी समारोहों के लिए शुभ मुहूर्त नहीं निकल पाते हैं। इसके अलावा सभी माह में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त निकल रहे हैं। पिछले दो सालों में शादी समारोह के लिए सबसे कम शुभ मुहूर्त निकले हैं।
इसमें सबसे कम 2018 में रहे हैं। वहीं 2019 में 17 जनवरी से शादी समारोह के मुहूर्त शुरू हो गए हैं और पांच जुलाई तक नियमित तौर पर शादियां होती रहेंगी। शादी समारोहों के चलते प्रदेश के बाजारों में रौनक रहने की उम्मीद है।
इस साल के बारह महीनो में से नौ माह में 73 शादी समारोह के शुभ मुहर्त हैं। साल 2019 में मई माह में सबसे अधिक पंद्रह दिन शुभ मुहूर्त के हैं, जबकि जून में ग्यारह हैं। साल के पहले माह जनवरी में ही नौ, फरवरी में सात, मार्च में सबसे कम चार, अप्रैल में नौ, मई में पंद्रह, जून में 11, जुलाई में पांच, नवबंर में सात और दिसंबर में आधा दर्जन शुभ तिथियां हैं।
प्रदेश के अधिकांश बाजारों में शादी समारोहों का अनुकूल असर पड़ता है। सोने चांदी की खरीद से लेकर सब्जी और दूध-दहीं तक की खरीददारी में बढ़ोतरी रहती है। वहीं व्यापार से जुड़े हर छोटे बड़े व्यक्ति की आर्थिकी पर इसका अनुकूल असर पड़ता है। पंडित राम कुमार शर्मा ने बताया कि पिछले दो-तीन सालों में शादी समाराहों के लिए कम ही शुभ मुहूर्त रहे हैं। इस साल नौ माह शादियों के लिए अच्छे माने जा रहे हैं।